College ka pehla pyar (Poem)
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कॉलेज का पहला प्यार
अनजान कभी थे हम दोनों,
अनजान नहीं अब हम दोनों,
है जानता हूँ मुलाकात नहीं,
मिलने मिलाने की बात नहीं||
पर एहसास गजब है सीने में,
और मज़ा आ रहा है जीने में||
पर एहसास गजब है सीने में,
और मज़ा आ रहा है जीने में||

लबों पर इनकार बहुत,
मालूम नहीं ये नफरत है,
या दिल में है प्यार बहुत||
नज़र मिले और झुक जाए,
कुछ कहते-कहते रुक जाए,
वो जुल्फों का बिखरना चेहरे पर,
वो पलकों की शरारत आँखों पर,
इन अदाओं पर हम क्या कर जाएँ,
क्या इन्हीं पलों में मर जाएं||
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